कृषि विज्ञान केंद्र मथुरा द्वारा विकासखंड स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया
उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवम गौ अनुसंधान संस्थान मथुरा के अधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र मथुरा द्वारा आज दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को माननीय कुलपति प्रोफेसर जी.के. सिंह एवं डॉ एस के मिश्रा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष के दिशा निर्देशन में विकासखंड छाता के सभागार में विकासखंड स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन पर कृषक जागरूकता अभियान का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 90 से अधिक किसानों एवं छाता खंड के ग्राम प्रधानों ने भाग लिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता विकासखंड छाता के विकास खंड अधिकारी श्री विजय कुमार जी के द्वारा की गई।
विकास खंड स्त्तरीय जागरूकता कार्यक्रम में डॉक्टर वाई. के. शर्मा कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसानों के लिए सरकार पराली प्रबंधन की मशीनें 50 से लेकर 80% तक अनुदान पर देय हैं इसी क्रम में डॉक्टर रविंद्र कुमार राजपूत मृदा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बताया गया कि 1 टन पराली को खेत में मिलाने पर 5.5 किलोग्राम नत्रजन , 2.3 किलोग्राम फास्फोरस ,25 किलोग्राम पोटाश, 1.2 प्रोग्राम गंधक के अलावा आवश्यक मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्व सूक्ष्मजीव होते हैं जो खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में काम आते हैं ।
1 टन पराली में आग लगाने से 3 किलोग्राम सूक्ष्म कणों के भाग, 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, 1460 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड गैस , 199 किलोग्राम राख , 2 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड गैस अलावा विभिन्न तरह का प्रदूषण होता है जो हमारे शरीर में आंखों में फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है।तथा वेस्ट डी कंपोजर का प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी तथा पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया । केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एस के मिश्रा द्वारा किसानों को बताया गया की सरकार द्वारा दे योजनाओं का लाभ उठाएं एवं बरौली में बिल्कुल भी आग ना लगाएं पिछले वर्षों की तुलना में मथुरा जनपद में पराली न के बराबर आग लग रही है फिर भी किसान इसका सदुपयोग कर खेत में सड़ा सकते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर ब्रजमोहन द्वारा किसानों को सब्जियों की जैविक खेती एवं पराली प्रबंधन के बारे में बताया गया। श्री विजय कुमार खंड विकास अधिकारी द्वारा अपील की गई कि जो भी हमारे किसान भाई है वह पराली को अधिक से अधिक खेत में मिलाएं एवं पर्यावरण को संरक्षित करें तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का फायदा ले पर्यावरण को प्रदूषित होने से तभी बचाया जा सकता है जब पराली का अच्छी तरह से प्रबंधन किया जाए । ए.डी.ओ.कृषि छाता द्वारा कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। विषय-वस्तु विशेषज्ञ श्री उपेंद्र सिंह द्वारा कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर बीज दिया जा रहा है आदि के बारे में जानकारी दी गई। जागरूकता कार्यक्रम में भूपेंद्र शर्मा तकनीकी सहायक सोनू पारीक तकनीकी सहायक गौरव यादव तकनीकी सहायक के अलावा बृजगोपाल विजय शर्मा दिनेश शर्मा राजू बलराम रामप्रकाश इंदर गोपाल महेंद्र गौरव चंद्रप्रकाश महावीर सिंह आदि ने भाग लिया।